जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद से बौखलाए पाकिस्तानी आतंकी देश में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। बेहद विश्वस्नीय सूत्रों की मानें तो करीब एक दर्जन आतंकी राजधानी दिल्ली में मौजूद हैं। खुफिया सूत्रों का कहना है कि पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में बैठे आतंक के आकाओं ने जैश-ए-मोहम्मद के तीन से चार प्रशिक्षित ग्रुप को 'करो या मरो' का टास्क देकर दिल्ली, कश्मीर और पंजाब भेजा है। खुफिया एजेंसियों ने आतंकियों की बातचीत के जो कोड इंटरसेप्ट किए हैं, उनमें 'दिवाली के पटाखे', 'कश्मीरी सेबों की दिल्ली में सप्लाई' जैसी बातें शामिल हैं।

खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आतंकियों में कश्मीरी, अफगानी और दो पाकिस्तानी युवक शामिल हैं। इनकी टोली में फिदायीन भी हैं। आत्मघाती दस्ते को सुरक्षित रास्तों से घुसपैठ कराई गई है। इनके निशाने पर मुख्य रूप से पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के काफिला हैं। ये पुलवामा जैसे धमाके, कंधार की तरह विमान अपहरण कांड और मुंबई जैसे हमले का टारगेट लेकर आए हैं। भीड़भाड़ वाली जगहों और महत्वपूर्ण लोगों के अलावा सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाने की कोशिश हो सकती है। इनमें दिल्ली, हिंडन एयरबेस, जम्मू, पठानकोट, श्रीनगर और लेह पर आतंकी नजर है।


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सुल्तानपुर
मास्क बनाने वाले परिवारों के लोगों का कहना है कि वह चुपचाप इस काम को कर रहे हैं। ताकि, पड़ोसियों को भी इसकी भनक न लगे। इनका कहना है कि यदि जानकारी हो जाएगी तो काम बंट जाएगा। इससे आय कम हो जाएगी। ऐसे में तीन से चार हजार रुपये कमा लेते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच अप्रैल की रात नौ बजे सभी लोग घर की सभी लाइटें बंद करेंगे और चारों तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा, तब प्रकाश की उस महाशक्ति का एहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं।
पीएम की अपील: पांच अप्रैल की रात नौ बजे देशवासियों से चाहिए उनके नौ मिनट