उच्चाधिकारियों ने की पहल, दाम्पत्य जीवन में बंधेगे प्रेमी आरक्षी

इश्क छिपाए छिपता नहीं । कुछ इसी तरह का मामला मदनपुर थाने में प्रकाश में आया है। तैनात महिला-पुरुष आरक्षी के बीच कायम मधुर संबंध अन्यत्र शादी की जानकारी होने पर बिगड़ने लगी। महिला आरक्षी ने इसकी जानकारी जब उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया तो अधिकारी भी पहल करने से पीछे नहीं हटे और फिर दोनों के बीच बने रिश्ते को शादी की बंधन की तरफ बढ़ा दिया गया। दोनों के परिजनों की सहमती से सगाई की रस्म मंदिर में पूरी कर ली गई। मदनपुर थाने पर तैनात एक महिला व पुरुष आरक्षी के बीच प्रेम हो गया। दोनों के प्रेम में उस वक्त दरार दिखने लगी, जब महिला आरक्षी को यह भनक लग गई कि उसके प्रेमी की दूसरे जगह शादी तय हो रही है। महिला आरक्षी ने यह बात अधिकारियों के संज्ञान में ला दियापुलिस अधिकारियों ने पुरुष आरक्षी व उसके परिजनों को इसके लिए समझाया और कानून के बारे में भी उन्हें बतायाजिसके बाद सिपाही के परिजन भी महिला आरक्षी को अपने घर की दुल्हन बनाने को तैयार हो गएफिर क्या था, पुलिस अधिकारियों की पहल पर दोनों की शादी तय कर दी गई। बताया जा रहा है कि दोनों आरक्षियों की सगाई भी मंदिर में पूरी कर ली गई है। पुलिस अधिकारियों की इस पहल को सराहनीय बताया जा रहा है। बता दें कि इस तरह के मामले में जिले में तैनात एक महिला कांस्टेबल ने आत्म हत्या कर ली थी। एसपी डा.श्रीपति मिश्र ने कहा कि दोनों के परिजन शादी को तैयार हैं।



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प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे यहां कहा जाता है, "उत्साहो बलवानार्य नास्त्युत्साहात्परं बलम्। सोत्साहस्य हि लोकेषु न किंचिदपि दुर्लभम्" यानि, हमारे उत्साह, हमारी आत्मा से बड़ी ताकत दुनिया में कोई दूसरी नहीं है
पीएम की अपील: पांच अप्रैल की रात नौ बजे देशवासियों से चाहिए उनके नौ मिनट
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में देशवासियों से कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन को आज नौ दिन हो रहे हैं। उन्होंने देशवासियों से कहा कि इस रविवार पांच अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस पांच अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। उन्होंने देशवासियों से रविवार की रात के नौ मिनट मांगे हैं
बताते चलें कि परिजन चाहते थे कि महिला का अंतिम संस्कार किसी भी तरीके से कर दिया जाए, जिसमें सीएनजी शवदाह भी शामिल है। लेकिन घाट के कर्मचारियों ने कहा कि जब तक इस बाबत उन्हें पुख्ता या लिखित में नहीं बताया जाएगा, वह संस्कार कैसे होने दें