जेएनयू के नजदीक मुनिरका गांव में झुकी 6 मंजिला इमारत को ध्वस्त करने के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने बाहर से पोकलेन मशीन मंगाई है। शुक्रवार को निगम की टीम ने जेसीबी की मदद से इमारत को ढहाने की कोशिश की, लेकिन इमारत नहीं गिर सकी। सुरक्षा कारणों के चलते निगम के बेलदार भी इमारत पर नहीं चढ़ सके। बताया गया है कि यह इमारत अवैध रूप से बनाई गई थी। गांव में 401 स्थित छह मंजिला इमारत के झुकने की सूचना बृहस्पतिवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को मिली। इस सूचना के बाद मौके पर पहुंची निगम की टीमों ने इमारत के आसपास के 2-3 घरों को खाली करवाया। शुक्रवार को निगम के इंजीनियरिंग विभाग की टीम सुबह से ही इमारत को ध्वस्त करने के लिए मौके पर पहुंच गई और इमारत के आसपास बने कुछ और घरों को खाली करवाया गया। इस इमारत को ढहाने के लिए निगम ने अब तक करीब 8 मकानों को खाली करवा दिया।
निगम के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, निगम की दो जेसीबी के जरिए इमारत को रस्सी से खींचकर गिराने की कोशिश की गई, लेकिन मशीनों से इमारत थोड़ी और झुकी, लेकिन गिर नहीं सकी। चूंकि, इमारत खरतनाक है, इसलिए निगम के बेलदारों को इमारत के ऊपर चढ़ाकर तोडने की कोशिश नहीं की गई। अब इस इमारात को ध्वस्त करने के लिए नोएडा से पोकलेन मशीन मंगाई गई है। इस मशीन को नो एंट्री खुलने के बाद रात में दिल्ली लाया जाएगा।
बताया गया है कि पोकलेन मशीन की क्षमता व ऊंचाई जेसीबी से काफी ज्यादा होती है, जो इमारत को खींचकर नहीं, बल्की मशीन के एक हिस्से में लगे हथौड़े से ध्वस्त करेगी। अगर यह मशीन समय से दिल्ली पहुंच जाती है तो निगम की टीम शनिवार तड़के करीब 5 बजे इमारत को गिराने की कोशिश करेगी।
प्राथमिक जांच के आधार पर निगम अधिकारियों का कहना है कि यह इमारत करीब 50 गज जमीन पर बनी है और इसकी सभी छह मंजिलों पर किराएदार रहते हैं।
इमारत झुकने के बाद सभी लोगों ने इमारत को खाली कर दिया है। बताया गया है कि इस इमारत को निगम की स्वीकृति के बिना अवैध रूप से बनाया गया था और सह इमारत करीब 15-20 साल पुरानी है। इमारत की नींव में सीवर का पानी भरने से बैठने का अनुमान लगाया जा रहा है।
मुनिरका की इस बिल्डिंग को नहीं गिरा पाई जेसीबी, अब पोकलेन मशीन दिखाएगी दम